रविवार, 13 दिसंबर 2009

अंग्रेज़ी भाषा की सीमाओं के कारण एक मिथक व्याप्त

प्रिय पंकज भाई तथा मधुलिका जी,
आप लोगों ने एक बहुत सामायिक मुद्दा उठाया है. अंग्रेज़ी भाषा और उसकी अभिव्यक्ति की सीमाओं (भारतीय परिप्रेक्ष्य में) के कारण एक विचित्र मिथक व्याप्त हो जाता है गैर अंगरेजी-भाषियों में ..जिस भय की परोक्ष अभिव्यक्ति समाज विज्ञान में अरुचि अथवा पलायन ..विशेष तौर पर सामान्य छात्रों में होती है .......आप के इस पावन यज्ञ में मैं यह विश्वास दिलाता हूँ की अपने शिक्षण में इसका पूरा ख़याल रखता हूँ .और अन्य तरीकों से भी समाजविज्ञान की धारा अविरल बहती रहे इसका ध्यान रखता हूँ ..शुभ!
राम शंकर
प्रोफेसर,
राजनीति
विज्ञान,
रानी दुर्गावती विश्व विद्यालय, जबलपुर
22 Aug 2009

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